GDP क्या है? GDP Full Form in Hindi
जीडीपी क्या होती है ये जानने से पहले हमे ये जान लेना चाहिए की जीडीपी आई कहाँ से है तो अगर हम बात करे 1930 की जब देश आर्थिक मंदी के दौर से गुज़र रहे थे और तब स्तिथि को सही होने मैं करीब 10 साल लग गए देशो को मार्किट मैं खड़े होने में।
इस परिस्थिति के बाद वहाँ पर एक अमेरिका के अर्थशास्त्री थे जिनका नाम Economist Simon Kujlett था तो उन्होंने एक नया नाम दिया जिसको हम GDP बोलते है। GDP का Full Form -Gross Domestic Product होता है। जिसकी मदत से हम आर्थिक विकास का पता लगा सकते है।
यहाँ पर Simon तो USA के निवासी थे तो उन्होंने वही के लिए बताया की जीडीपी क्या है पर बाकि देशो को इसका कुछ पता ही नहीं था तो फिर World Bank की स्थापना हुई साल 1945 मैं जिसकी वजह से IMF International Monetary Fund आ गया और उसने मान्यता दे दी GDP को की इसकी वजह से हम पता कर पाए की देश की अर्थव्यवस्था मैं वृद्धि हुई या नहीं।
GDP का Full Form क्या है?
What is GDP in Hindi
जब कोई भी good & services किसी भी देश की सीमा रेखा के अंदर बनाया जाता है तो उसके कुल मूल्य को GDP कहते है, वैसे तो हर देश मैं इसकी गणना सालाना होती है पर भारत मैं इसकी गणना हर तीन महीने मैं की जाती है।
Example – मान लीजिये की 2018 मैं पुरे भारत मैं सिर्फ 4 table बनाई गयी, और 1 table का मूल्य सिर्फ रू 100 था तो, कुल table का मूल्य (4*100रू = 400रू) होगा।
GDP के प्रकार – Types of GDP
Real – रियल जीडीपी व होती है जिसमैं किसी भी उत्पाद के मूल्य पर महंगाई का कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है। इसमें CSO Central Statistical Office के द्वारा एक Base Year बनाया गया है, जो की 2011-2012 था और इसके आधार पर ही हर सामान का मूल्य तेह किया जाता है।
यहाँ पर CSO के द्वारा 2011-12 को आधार वर्ष इसलिए लिया गया है क्युकी अगर आधार वर्ष की सूचि नहीं तय होगी तो CSO को हर वर्ष एक नई सूचि बनानी पड़ेगी इसलिए अभी तक के लिए Base Year 2011-12 ही है और इसी कुल जीडीपी का है।
Nominal – इसमें जैसे की कोई भी उत्पादन व सेवाओं के उत्पादन मूल्य मैं अगर महंगाई को जोड़ दिया जाये तो Final Product की मौजूदा मूल पता चल जाती है।
Example – यहाँ पर देखे तो 2015 मैं 1 किताब की कीमत 200 है तो कुल 3 किताब 600 की हुई और 2016 मैं मूल्य मैं अंतर आ गया क्युकी अब महंगाई का प्रभाव पड गया।
<- Nominal Price
Formula
वैसे अगर देखा जाये तो हर देश मैं जीडीपी की गणना हर साल की जाती है पर भारत ही ऐसा देश है जहाँ की सरकार हर तीन महीने या तिमाही जीडीपी की गणना कराती है।
Based on 3 things
1) Agriculture
2) Industry
3) Service
यहाँ पर जीडीपी को निकालने के लिए एक Formula दिया गया है।
G+ I + (X-M)
Consumption + Government Expenditures + Investment + Exports – Imports
Inport – Import को हिंदी मैं आयात कहते है इसका मतलब होता है जैसे की कोई भी सामान या कोई भी चीज़ जब हम किसी भी विदेशी देश से अपने देश मैं मंगवाते है तब उसे आयात कहते है। जैसे – भारत मैं पेरटोल का उत्पाद काम होता है तो हम उससे अरब के देश से import करवाते है |
Export – Export को हिंदी मैं निर्यात कहा जाता है इसका मतलब यह होता है जैसे की कोई भी सामान अगर भारत मैं बनाया गया और उसको विदेश मैं बेचा जाये तो इसको निर्यात कहते है।
GDP बढ़ने और गिरने से क्या प्रभाव पड़ता है – GDP of india
अगर जीडीपी पहले साल के मुकाबले इस साल बढ़ जाती है तोह लोगो की जो आय होगी उसमें भी वृद्धि आ जाएगी या कह सकते है की जीडीपी बढ़ने से लोगो की आमदनी भी बढ़ जाती है।
जैसे – मान लेते है की 2015 – 2016 मैं प्रति व्यक्ति की महीने की आय रू 10000 है और अगले साल जीडीपी बढ़ गयी 5% से तो 2016 -2017 मैं उस व्यक्ति की आय मैं 5% की वृद्धि हो जाएगी। दूसरी जगह अगर जीडीपी गिरने लगेगी तो व्यक्ति की आमदनी भी कम हो जाएगी।
GDP Growth rate
2016-17 8.2%
2017-18 7.2%
2018-19 6.8%
2019-20 5%
ऊपर के आंकड़ों को देखा जाये तो साफ़ साफ़ पता चल रहा है भारत का जो विकास दर है उसमे गिरावट आती जा रही है।